Description
Unani Tel or Unani oil is multipurpose oil for CUTS, BURNS, PAINS & INFLAMMATIONS. This is very old company serving their product since 1962. Due to their quality they are continuing in the market.
यूनानी तेल
प्रयोग विधि
- दर्द :- शरीर के हर प्रकार के दर्द में चाहे जोड़-जोड़ में सर्दी से हो या बाई (बयार ) यूनानी तेल की शीतगर्म मालिश कर लेनी चाहिए।
- चोट, मोच में शीतगर्म यूनानी तेल की मालिश के बाद पट्टी बाँध दें।
- घाव छुरी या चाकू से कटने या बच्चों के खतना में यूनानी तेल में कपड़ा भिंगोकर ठंडा ही बाँधे ।
- आपरेशन फोड़े फुन्सियों के आपरेशन में घाव को रोजाना साफ करके यूनानी तेल में रूई भिंगो करके घाव में भर दें।
- सूजन या एक्सरा (फोता बढ़ जाने में) यूनानी तेल तम्बाकू या महुआ के पत्ते पर लगाकर शीतगर्म करके पीड़ित अंग पर बाँध दें। एक हफ्ता में लाभ हो जायेगा।
- जल जाना आग या गर्म पानी से जल जाने में यूनानी तेल ठंडा ही बराबर लगायें।
- हरारत या जुकाम की वजह से शरीर गर्म हो जाये तो सारे बदन पर यूनानी तेल की शीतगर्म मालिश करें।
- तप व जार में एक घंटा पहले हथेली, तलवा और टांगों पर यूनानी तेल की मालिश करें और चादर ओढ़ कर लेटे रहें ।
- हल्फ़ा बच्चों के हल्फ़ा या सर्दी लगने से सीने में दर्द हो जाय तो 1 तोला असली मोम 4 तोला यूनानी तेल में पकाकर बराबर सेंकें।
- कपकपी (‘राशा’) हाथ पैर की ऐंठन (तशन्नुज) तथा हैजे की दशा में 4 तोला यूनानी तेल में 1 तोला सिर्का और नमक लाहौरी मिलाकर शीतगर्म खूब अच्छी तरह मालिश करें।
- खाँसी, नज़ला, जुक़ाम में (हलक) छाती और पीठ पर शीतगर्म यूनानी तेल की मालिश करना चाहिये।
- बवासीर या गिल्टियों की सूजन पर ताजी बकाइन की पत्ती यूनानी तेल में भूनकर दो, तीन दिन बाँधने से लाभ होगा।
- कान के दर्द में यूनानी तेल सुबह, शाम दो-दो बूँद तथ शीतगर्म कान में टपकायें, यदि कान बहता हो तो दोनों समय कान धोकर तेल ठंडा ही टपकायें।
- बहरापन 1 तोला यूनानी तेल में 3 माशा तारपीन का तेल मिला लें और रूई भिंगोकर प्रतिदिन रात को सोते समय कान में रख दें और प्रातःकाल निकाल दिया करें।
- आँख आने में यूनानी तेल पलकों पर लगायें और पान गर्म करके बाँधने से लाली, सूजन तथा दर्द में आराम होगा।
- पैदाइश के बाद स्त्री के कमर, नाभी के नीचे और रानों पर यूनानी तेल की शीतगर्म मालिश करने से आराम होता है।
- सूखा रोग में यूनानी तेल सारे शरीर पर और जिन बच्चों को समय पर चलना न आता हो तो उनकी टाँगों पर प्रतिदिन मालिश करनी चाहिये।
- दाँत निकलना बच्चों को दाँत निकलते समय पर यूनानी तेल लगाने से दाँत निकलने में सुविधा तथा अनेक रोगों से रक्षा होती है।
- बिच्छू मिड़या बिरनी आदि विषैले जानवरों के काटने में यूनानी तेल गर्म करके मालिश करें और आग से सेंक दें।
- कमजोरी बीमारी के बाद की कमजोरी को दूर करने के लिये रोजाना शरीर पर मालिश करें।
- स्फूर्ति और बल के लिए प्रतिदिन शरीर पर मालिश करके नहाने से स्वास्थ्य को शक्ति मिलती है और रोगों से रक्षा होती है।
यूनानी तेल दर्द, घाव, चोट, मोच, जलने व कटने, सर्दी के रोगों एवं बच्चों को शक्तिशाली बनाने में लाभदायक है।
लगभग 1962 से यूनानी तेल अपने गुणवत्ता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान कर रही है।
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