Description
MALABAR NUT/ VASA /ADUSA / ADHATODA VASICA
आयुर्वेद में वासा का औषधि के रुप में विशिष्ट स्थान है। वासा को अडूसा भी कहते हैं। आयुर्वेद में कहा जाता है कि वासा वात, पित्त और कफ को कम करने में बहुत काम आता है। वासा का पत्ता शाक कफपित्त को कम करने वाला होता है।
वासा का प्रयोग:
- सांस संबंधी समस्या से परेशान रहते हैं तो वासा का प्रयोग अवश्य करें।
- बदलते मौसम के समय दमे से परेशान रहते हैं तो अडूसा (वासा) का सेवन करें।
- सूखी खांसी से परेशान है और कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो वासा का काढ़ा लें या वासा के पत्तों के पाउडर को शहद के साथ सेवन करें।
- तपेदिक जैसे संक्रामक रोग में भी वासा बहुत फायदेमंद तरीके से काम करता है।
- आध्मान या अपच में भी वासा का प्रयोग किया जाता है।
- बवसीर या अर्श में वासा के पत्तों का चूर्ण लाभकारी होता है।
- किडनी के दर्द में भी वासा के पत्तों का चूर्ण शहद के लेने से आराम मिलता है।
Vasa has a special place in Ayurveda as a medicine. Vasa is also called Adusa. It is said in Ayurveda that vasa is very useful in reducing vata, pitta and kapha. Vasa leaf herb is supposed to reduce phlegm.
Medicinal benefits of Vasa:
- Vasa is useful in respiratory problems.
- If you are troubled by asthma during the changing season, then take Vasa.
- If you are troubled by dry cough and are not taking the name of reduction, then take a decoction of Vasa or take powder of Vasa leaves with honey.
- In infectious diseases like tuberculosis, vasa work very beneficially.
- Vasa are also used in indigestion.
- Powder of vasa leaves is beneficial in Bavasir or hemorrhoids.
- In kidney pain, taking the powder of vasa leaves with honey provides relief.
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